देहरादून। केंद्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह ने वन अनुसंधान संस्थान का दौरा किया और वहां आयोजित एक बैठक में भाग लिया। इस बैठक में उत्तराखंड के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री गणेश जोशी, भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद की महानिदेशक श्रीमती कचन देवी, वन अनुसंधान संस्थान की निदेशक डॉ. रेनू सिंह, एफआरआई के वरिष्ठ वैज्ञानिक, भारतीय जूट उद्योग अनुसंधान संघ के निदेशक डॉ. ए.के. शर्मा, रेशम तकनीकी सेवा केंद्र के वैज्ञानिक और वस्त्र मंत्रालय के सहायक निदेशक भी उपस्थित थे। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने की।
बैठक की शुरुआत में डॉ. रेनू सिंह ने पुष्पगुच्छ भेंट कर मंत्री जी का स्वागत किया। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों को अपने शोध के बारे में जानकारी दी, इसके महत्व पर जोर दिया और इस क्षेत्र में भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा की। वन अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने बांस पर एक संक्षिप्त प्रस्तुति दी, जिसमें बांस के उन्नत उपयोग और कपड़ा उत्पादन में इसके अनुप्रयोग पर फोकस किया गया। एफआरआई के वैज्ञानिकों ने बांस की विभिन्न प्रजातियों पर अपने अनुसंधान निष्कर्ष प्रस्तुत किए, जो कपड़ा निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा, “बांस की तीव्र वृद्धि और पर्यावरणीय गुण इसे कपड़ा उत्पादन के लिए आदर्श संसाधन बनाते हैं, जो हमारे आत्मनिर्भर और हरित अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण को साकार करता है।” डॉ. रेनू सिंह ने इस शोध को ग्रामीण आजीविका सुधारने और उच्च मूल्य वाले उद्योगों में बांस के उपयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने सहयोग की भावना पर भी प्रकाश डाला और कहा, “हम मिलकर एक हरित समृद्ध उद्योग के लिए नींव रख रहे हैं।”
केंद्रीय मंत्री ने सभी को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि “यह पहल नौकरियों के सृजन, संवहनीयता और भारत को वैश्विक कपड़ा मानचित्र पर लाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।” बैठक में भविष्य की दिशा पर भी चर्चा की गई, जिसमें उत्पादन बढ़ाना, प्रक्रियाओं में सुधार और कपड़ा निर्माताओं के साथ सहयोग शामिल था। यह बैठक बांस को कपड़ा आपूर्ति श्रृंखला में एकीकृत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो वैश्विक बाजार के लिए पर्यावरण अनुकूल समाधान प्रस्तुत करती है। बैठक का समापन अनुसंधान को आगे बढ़ाने और बांस को फैशन सहित अन्य क्षेत्रों में लोकप्रिय बनाने के वचन के साथ हुआ।