चमोली। चारधाम यात्रा के महत्वपूर्ण पड़ाव श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट आगामी 4 मई को श्रद्धालुओं के लिए खुलने जा रहे हैं। यात्रा सीजन की शुरुआत से पूर्व, सुरक्षा व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद करने और यात्रा तैयारियों का धरातलीय जायजा लेने के लिए उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड दीपम सेठ, वी. मुरूगेशन, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था के साथ आज प्रात: श्री बद्रीनाथ धाम पहुंचे। धाम आगमन पर, डीजीपी श्री सेठ को सर्वप्रथम सलामी गार्द द्वारा सलामी दी गई, जिसका उन्होंने मान प्रणाम ग्रहण किया। इसके पश्चात, उन्होंने आगामी यात्रा सीजन के मद्देनजर श्री बद्रीनाथ धाम क्षेत्र में की जा रही समस्त यात्रा व्यवस्थाओं का अत्यंत गहनता से स्थलीय निरीक्षण किया।
इस दौरान, उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था, यातायात प्रबंधन, संचार सुविधाओं, भीड़ नियंत्रण तंत्र और संपूर्ण यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु की गई अन्य आवश्यक तैयारियों का बारीकी से जायजा लिया। डीजीपी ने यात्रा के दौरान तैनात किए जाने वाले विभिन्न पुलिस व्यवस्थाओं के साथ-साथ पुलिस बल के रहने की आवासीय व्यवस्थाओं का भी स्थलीय निरीक्षण कर तैयारियों की समीक्षा की। इस प्रक्रिया में, उन्होंने मौके पर मौजूद संबंधित अधिकारियों से सीधा फीडबैक प्राप्त किया और महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए। डीजीपी श्री सेठ ने अधिकारियों को स्पष्ट एवं कड़े निर्देश दिए कि धाम में सभी व्यवस्थाओं को युद्धस्तर पर जल्द से जल्द दुरुस्त किया जाए। उन्होंने इस बात पर विशेष जोर दिया कि देश-विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिल सकें और वे यहां से एक सुखद अनुभव और राज्य के प्रति एक सकारात्मक संदेश लेकर जाएं। उन्होंने आगाह किया कि धाम क्षेत्र में किसी भी प्रकार की अव्यवस्था होने से न केवल तीर्थयात्रियों को परेशानी होगी, बल्कि यह उत्तराखंड राज्य की छवि के लिए भी नकारात्मक साबित हो सकता है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि तीर्थयात्रियों की सुविधाओं का ख्याल रखना प्रशासन की सर्वोपरि जिम्मेदारी है। डीजीपी श्री सेठ ने ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों और मंदिर सुरक्षा में लगे आईटीबीपी जवानों से सीधा संवाद किया।
इस दौरान उन्होंने उनका मनोबल बढ़ाया और यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सुविधा और सेवा के प्रति पूरी तरह सतर्क और समर्पित रहने के निर्देश दिए। उन्होंने जवानों से उनकी तैनाती और ड्यूटी से संबंधित चुनौतियों के बारे में भी जानकारी ली। पुलिस महानिदेशक ने ड्यूटी पर तैनात होने वाले सभी पुलिसकर्मियों को ‘अतिथि देवो भव’ की भारतीय भावना के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के निर्देश दिए। उन्होंने श्री बद्रीनाथ धाम मंदिर परिसर के आसपास के क्षेत्रों की सुरक्षा स्थिति, मंदिर के बाहर की सुरक्षा व्यवस्थाओं तथा संभावित भीड़ को नियंत्रित करने हेतु बनाए गए पुलिस प्रबंधन का भी गहनता से मुआयना किया। उन्होंने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि श्री बद्रीनाथ धाम में आने वाले श्रद्धालु सुव्यवस्थित एवं कतारबद्ध तरीके से सुगमतापूर्वक श्री हरि के दर्शन कर सकें और उनकी यात्रा सुखद और यादगार बने। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस बल द्वारा श्रद्धालुओं के साथ सदैव मधुर, विनम्र और सम्मानजनक व्यवहार किया जाए। विशेष रूप से, उन्होंने बुजुर्ग, दिव्यांग और बीमार श्रद्धालुओं के लिए मंदिर समिति के सदस्यों के साथ समन्वय स्थापित कर उनके सुगम दर्शन हेतु विशेष व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि समस्त नियुक्त पुलिस बल अपनी ड्यूटी पर समयबद्ध रूप से उपस्थित रहें और यात्रियों से मधुर एवं सम्मानजनक व्यवहार बनाते हुए निरंतर संपर्क बनाए रखें। अधिकारियों को स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया कि सभी व्यवस्थाएं श्रद्धालुओं की सुविधा और सहजता को ध्यान में रखते हुए संचालित की जाएं। इस निरीक्षण के दौरान उनके साथ सर्वेश पंवार, पुलिस अधीक्षक चमोली व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।