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सरकार यात्रियों की संख्या को लेकर भ्रम की स्थिति उत्पन्न कर रही है।

देहरादून: उत्तराखंड की धामी सरकार चार धाम यात्रा को लेकर भ्रमित करने वाली स्थिति उत्पन्न कर रही है। एक तरफ सरकार ऑनलाइन और ऑफलाइन पंजीकरण की बात कर रही है, तो दूसरी ओर यह कह रही है कि सभी यात्रियों को, चाहे वे पंजीकृत हों या नहीं, यात्रा की अनुमति दी जाएगी। इससे यात्रा में अव्यवस्था फैलने की संभावना जताई जा रही है। यह टिप्पणी आज उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में की।

धस्माना ने कहा कि यात्रा शुरू होने में केवल दस दिन बाकी हैं, लेकिन सरकार के पास केवल बड़े दावे हैं, जबकि यात्रा को व्यवस्थित रूप से संपन्न करवाने की कोई ठोस योजना नहीं है। उन्होंने उदाहरण दिया कि पर्यटन मंत्री को उस रिपोर्ट की जानकारी तक नहीं है, जिसमें यात्रा शहरों की भार वहन क्षमता का विवरण है, जबकि राज्य की मुख्य सचिव इस रिपोर्ट पर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर चुकी हैं।

धस्माना ने कहा कि सरकार द्वारा असीमित यात्रियों को अनुमति देने से यात्रा में भीड़ प्रबंधन में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जैसा पिछले वर्ष देखा गया था, जब भीड़ ने कई स्थानों पर पुलिस बैरिकेडिंग को उखाड़ दिया था। उन्होंने यह भी कहा कि चार धाम यात्रा उत्तराखंड की लाइफलाइन है, जो लाखों लोगों की आजीविका से जुड़ी है, इसलिए यात्रा की सफलता और निर्विघ्न संपन्न होना जरूरी है।

उन्होंने यह भी कहा कि यात्रा के दौरान सुरक्षा, स्वास्थ्य, भोजन और दर्शन की व्यवस्था सरकार की जिम्मेदारी है, और पिछले आठ वर्षों के अनुभव से यह साफ है कि सरकार बड़े दावे करती है, लेकिन व्यवस्था में हमेशा कमी रहती है। इसके उदाहरण के तौर पर उन्होंने पिछले वर्ष केदार घाटी में आई आपदा का उल्लेख किया, जिससे यात्रा प्रभावित हुई थी।

धस्माना ने सड़क सुरक्षा पर भी चिंता व्यक्त की और बताया कि पिछले पांच वर्षों में औसतन हर साल एक हजार लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए हैं। इस वर्ष भी सड़क दुर्घटनाओं में 275 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

उन्होंने सरकार से मांग की कि चार धाम यात्रा की सुरक्षा, स्वास्थ्य, भोजन, दर्शन और सभी व्यवस्थाएं ठीक से सुनिश्चित की जाएं और यात्रा रूटों की भार वहन क्षमता का पालन सख्ती से किया जाए। प्रेस वार्ता में प्रदेश प्रवक्ता डॉ. प्रतिमा सिंह, प्रदेश अध्यक्ष के मीडिया सलाहकार सरदार अमरजीत सिंह और श्रम प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश कौशल भी उपस्थित रहे।

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